इतवार के दिन शाम को अक्सर गोपाल उनके पास पहुंच जाता और अस्पताल के एक कोने में चुपचाप बैठा प्रतीक्षा करता रहता कि डॉक्टर साहब कब ख़ाली होते हैं. फिर दोनों साथ खाना खाते, फि़ल्म भी देखते और देश-दुनिया की जमकर बातें करते. यह उनकी स्थायी मित्रता थी और इसमें वक़्त और हालात का कोई असर नहीं पड़ा था. अपनी व्यस्तता के कारण डॉ. रमन ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि गोपाल पिछले तीन महीने से उनसे मिलने नहीं आया है.
Doctor is a profession. this summary for Kahani. no real life